Comic/Book Dissection

सतयुग…old wine, new bottle, rightly aged

Comments (0)
  1. बहुत बहुत धन्यवाद ध्रुव जी, इस समीक्षा के लिए। आप और आप जैसे जितने भी लोग कॉमिक्स समीक्षा के लिए जो कुछ कर रहे है वो अति प्रशंसनीय है। मुझे अपने कॉमिक्स स्कूप वाले दिन याद आ जाते है। जितना मज़ा कॉमिक्स बनवाने में है उतना ही मुझे कॉमिक्स समीक्षा करना भी पसंद आ रहा था। Keep doing this as long as you can do. We will definitely change the Indian comixs scenerio. ☺️

  2. रोचक लग रही है। पढ़ने की कोशिश रहेगी। हो सके तो कॉमिक्स का संक्षिप्त विवरण जैसे पृष्ठ संख्या , टीम इत्यादि ऊपर ही दें। इससे पाठकों को कॉमिक्स के विषय में और अंदाजा लग पायेगा।

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