Comic/Book Dissection

Caravan Venegance…A proof that Sex and Nudity sells

Comments (0)
  1. रोचक समीक्षा। हाँ, कॉमिक्स को केवल मनोरंजन तक रहने की बात पर सहमत नहीं हूँ। यह साहित्य का एक माध्यम है जिसे विचारोत्तेजक भी होना पड़ेगा।

  2. unknown says:

    Bhai verdict padhke hansi nahi ruk rahi😂

  3. divya@bhu says:

    नग्नता तो नेटफ्लिक्स की तरह डाली गई है।

  4. Somil Arya says:

    अरे भाई 😂😂
    आप तो भिगो भिगो के जूते मार रहे हो।
    वैसे मैं आपसे सहमत हूं की यहां भी लेखक ने अपनी वामपंथी विचारधारा दिखाने से पीछे नहीं हटे।
    आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन की तुलना हिंदू संगठनों से कर रहे है इंडिरेक्टली।
    हालांकि किसी भी हिन्दू या हिंदुत्व व राष्ट्र के प्रति समर्पित संगठन का नाम नहीं लिया परंतु इनका उद्देश्य यही था।
    अब राहुल गांधी वाली बुद्धि लगाएंगे तो यही सब दिमाग में आएगा 🤣
    बस इसमें नग्नता या थोड़ा अच्छा आर्टवर्क न होता तो ये लेने लायक कतई नहीं है।

  5. Maine ye review religious bias ke saath nahi likha lekin tab bhi mujhe is comics ka agenda saaf dikh gaya. Agenda hata bhi de to bhi comics mein story bahut mamooli lagi

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