Prince Comics… भूत प्रेत कथाओं का नया युवराज

भारतीय कॉमिक्स जगत के नवजात शिशुओं को चलने के लिए प्रोत्साहित करने और अच्छी कहानियों का लुत्फ उठाने की मुहिम मुझे एक बार फिर ले गयी फेनिल कॉमिक्स की website पर। यहां मेरी नज़र पड़ी प्रिंस कॉमिक्स नामक पब्लिकेशन पर…

चुल्लू के कारनामे… याद दिला गए बिल्लू पिंकी के जमाने

राज कॉमिक्स और डायमंड कॉमिक्स। ये वो दो नाम है जो कई दशकों से भारतीय कॉमिक्स जगत के दो ध्रुव बने हुए है। देखा जाए तो इन दोनों ने भारतीय कॉमिक्स की दुनिया को जीवित रखा है। और इन्ही के…

रक्त प्यासी…जो कॉमिक्स प्रेमी की प्यास नहीं बुझा पाई

बचपन मे पहली कॉमिक्स पढ़ी थी नागराज और वो कॉमिक्स माँ ने किराये के नए घर मे लाके दी थी ताकि मेरा और बड़े भाई का मन नई जगह लगे। बस वही से कीड़ा लग गया कॉमिक्स का जो आज…

फौलाद CE… सच में फौलादी है ये

फेनिल कॉमिक्स वैसे तो फेनिल कॉमिक्स कभी मेनस्ट्रीम कॉमिक्स पाठको के बीच कुछ खास स्थान नही बना पाई किन्तु फेनिल कॉमिक्स के संस्थापक अपने गज़ब सेंस ऑफ ह्यूमर से कॉमिक्स जगत में खासे लोकप्रिय है। इनके इसी हसमुख स्वभाव से…

Born in Blood… Forgotten pages of Doga’s origin.

डोगा भारतीय कॉमिक्स जगत का सबसे अनूठा किरदार है। कुछ लोग बोलेंगे की यह Punisher की कॉपी है तो भाई हर बंदूक उठाने वाला आदमी एक नही होता। ऐसे तो रेम्बो भी punisher की कॉपी हुआ। अरे भाई back story…

Dracula… कॉमिक्स पढ़िए, आनंदित रहिए।

ड्रैकुला। Bram Stoker द्वारा रचित यह काल्पनिक किरदार शायद कॉमिक्स एवं फ़िल्म जगत में massively overused हुए fictional characters में से एक है। इस किरदार के नाम के साथ एक mystery, एक mystical aura और एक undeniable horror element जुड़ा…

Incognito…the new kid on the block।

वैसे तो मेरा पूरा बचपन राज कॉमिक्स के universe में ही भटकते हुए ही बीता किन्तु बीच बीच में मैं मनोज, तुलसी और डायमंड कॉमिक्स का रसपान भी कर ही लेता था। समय के साथ इसमें से बहुत से पब्लिकेशन…

नागप्रलय vs सर्पसत्र : battle of 2 icons.

   राज कॉमिक्स में दो फ़ाड़ (खबरदार जो किसी ने सुप्तपाशा का जिक्र किया) होने के बाद दोनों ही धड़ो ने मार्केट में धमाकेदार एंट्री करने के लिए सहारा लिया तौसी का। तुलसी कॉमिक्स के इस हिट सुपरहीरो के कंधे…

This is a trap…I repeat this is a Trap.

राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता इस तथ्य को भली भांति स्थापित कर रही है की राज कॉमिक्स के स्वर्णिम काल में संजय गुप्ता का बेहद अहम योगदान रहा था। युगारंभ इत्यादि को रिप्रिंट की श्रेणी में रखते हुए अगर सिर्फ…

फिर क्यो आया बांकेलाल?

भारतीय कॉमिक्स इंडस्ट्री, लॉकडाउन के बाद मानो ताला तोड़ के किसी कैद से बाहर आ गई है। जहा एक और राज कॉमिक्स दो या तीन फाड़ (तीसरा फाड़ अमेरिकन प्रिंटर में ink ख़त्म होने के चलते फसा हुआ है) होने…

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